बचपन के बारे में एक कविता...। बचपन के बारे में एक कविता...।
आभास...। आभास...।
बन्द कलम की स्याही...। बन्द कलम की स्याही...।
मामूली हैं मगर बहुत खास हैं बचपन की वे यादें...! मामूली हैं मगर बहुत खास हैं बचपन की वे यादें...!
अब तो बस उन लम्हों को जीने का जी करता है...! अब तो बस उन लम्हों को जीने का जी करता है...!